The Basic Principles Of sidh kunjika
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नमः कैटभहारिण्यै नमस्ते महिषार्दिनि ॥ ६ ॥
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति त्रयोदशोऽध्यायः
पाठमात्रेण संसिद्ध्येत् कुञ्जिकास्तोत्रमुत्तमम् ॥ ४ ॥
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति प्रथमोऽध्यायः
नमः कैटभ हारिण्यै, नमस्ते महिषार्दिनि।।
श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तरशत नाम्स्तोत्रम्
श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तरशत नाम्स्तोत्रम्
नमस्ते शुम्भ हन्त्र्यै च, निशुम्भासुर घातिनि।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वितीयोऽध्यायः
शृणु देवि प्रवक्ष्यामि कुंजिकास्तोत्रमुत्तमम्।
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ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
नमस्ते रुद्ररूपिण्यै नमस्ते मधुमर्दिनि।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः